मेरा भाई
बाप के बाद जो नज़दीक रह जाता.
वो शख्शियत भाई की है.
वाहिद
जो करीब रह जाता है.
मेरे गम मैं शरीक नहीं.
हिस्सेदार बनता है.
वो मेरा भाई ही है. वाहिद जो
बाप का किरदार बनता है.
मैं फस जातीं हु.
किसी मजधार मैं.
तो निकाल लेता है.
डगमगा जातीं हु कभी.
मुश्किलों से परेशान होकर.
तो बाप बनकर संभाल लेता है.
चेहरे से पढ लेता है.
मेरी उदासीया
उसके सामने आते ही.
मैं चेहरा संभाल लेती हु..
फ़िज़ा तन्वी ✍️✍️
Reena yadav
28-Aug-2022 05:59 PM
बिल्कुल सही बात है 👌👌
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Arshi khan
12-Sep-2021 09:52 PM
Nice lines
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Sangeeta charan
04-Sep-2021 09:53 PM
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